दिव्यांग रेल यात्री को वर्तमान में रेलगाड़ी में रियायत पर यात्रा करने के लिए रेल रियायत कार्ड जारी किया जाता है जिसके तहत वर्तमान में दिव्यांग व्यक्ति मंडल रेल प्रबंधक कार्यालय में उपस्थित होकर जानकारी एवं आवेदन पत्र भरकर कर सभी आवश्यक दस्तावेज (स्व प्रमाणित) के साथ आवेदन किया जाता है । तत्पश्चात आवेदन पत्र की जांच कर मंडल वाणिज्य निरीक्षक के माध्यम से सम्बंधित चिकित्सालय को सत्यापन करने हेतु भेजा जाता है जो कि सत्यापित होने के पश्चात पुनः मंडल कार्यालय भेजा जाता है जिसके उपरान्त दिव्यांग रियायत कार्ड बनाये जाते है एवं मुख्य कार्यालय अधीक्षक एवं मंडल वाणिज्य निरीक्षक(मुख्यालय) द्वारा चेक करने के पश्चात ही वरिष्ट मंडल वाणिज्य प्रबंधक के पास उनके हस्ताक्षर हेतु भेजा जाता है । इसके उपरांत रियायत कार्ड को मुख्य आरक्षण पर्यवेक्षक के सम्मुख पी आर एस सिस्टम में फीड करने हेतु भेजा जाता है तथा फीड होने के उपरांत दिव्यांग को सूचित किया जाता है कि मंडल कार्यालय में स्वयं अथवा परिवार के सदस्य को उपस्थित होकर दिव्यांग के मूल रियायत प्रमाण पत्र में सूचना व सील दर्ज कराकर नया रियायत कार्ड प्राप्त कर ले । दिव्यांग रियायत कार्ड बनाने की प्रक्रिया में कुल 03 महीने की समयावधि का प्रावधान है परन्तु सम्बंधित चिकित्सक द्वारा सत्यापित एवं मंडल कार्यालय को प्राप्त होने पर अधिक समय भी लग जाता है । मंडल कार्यालय में औसतन प्रतिमाह 50 से 60 कार्ड बनाये जाते है जिनको बनवाने हेतु दिव्यांग को परेशानी उठाकर मंडल कार्यलय मैं आना पडता है जिसके कारण उनका समय एवं आना तथा जाने में लगने वाली राशि भी खर्च होती है ।
उपरोक्त दिव्यांग जन की समस्याओं को ध्यान में रखते हुए सक्षम अधिकारी, कोटा मंडल द्वारा निर्णय लिया गया है कि दिव्यांग को रेल यात्रा रियायत कार्ड बनवाने में होने वाली विभिन्न परेशानी एवं अनावश्यक देरी को देखते हुए मैन्युअल प्रक्रिया को कंप्यूटराइज्ड / पेपरलेस एवं तीव्र करने के उद्देश्य से कोटा मंडल द्वारा एक वेबसाइट डेवलप कराई गयी है जिसके माध्यम से दिव्यांग अपने घर से या ई मित्र कियोस्क पर जाकर कंप्यूटर के माध्यम से ऑनलाइन आवेदन के साथ सभी आवश्यक दस्तावेज अपलोड कर दिव्यांग कार्ड हेतु आवेदन कर सकता है अपने कार्ड के बनने की स्थिति को ट्रैक भी कर सकता है तथा कार्ड बनने के उपरांत वेबसाइट के माध्यम से स्वंम अपॉइंटमेंट स्लॉट चुनकर अपना दिव्यांग कार्ड ले जा सकता है । कंप्यूटराइज्ड (ऑनलाइन) प्रक्रिया में दिव्यांग कार्ड के बनने में बहुत कम समय लगेगा साथ ही दिव्यांग को केवल एक बार ही मंडल कार्यालय में दिव्यांग कार्ड स्वंम या परिवार के सदस्य द्वारा लेने आना पड़ेगा